Monday, March 2, 2015

तेते पाॅव पसारिये जेती लाबी सौर

तेते पाॅव पसारिये जेती लांबी सौर का अर्थ हैकि हमे अपना पाॅव उतना ही लंबा फैलाना चाहिए जितनी लंबी अपनी चादर हो । मनुष्य के जीवन मे आवश्यकताओ का अंत नही है।उसे  अपने साधन के अनुशार ही कार्य करना चाहिए ।जिस प्रकार हम बाजार जाते है तो अपने खिस्से की अवकात देखकर सामान खरीदते है । उसी प्रकार हमे अपने साधन को देखते हुए ही काम करना चाहिए,अन्यथा पछताना पडता है या कार्य अपूर्ण रह जाता है ।
संसार मे तीन तरह के व्यक्ति होते है- एक ,जो बिना विचारे कार्य प्रारंभ करते है तथा शुरूआत मे ही छोड खडे होते है । दूसरे कार्य ज ल्दीबाजी मे प्रारंभ कर बीच मे छोड देते है ।तीसरे प्रकार के व्यक्ति , जो अपनी परिस्थिति का आकलन करके कार्य प्रारंभ करते है और उसे पूरा करके ही दम लेते है ।अतः हमे अपनी आय तथा व्यय को देखते हुए सूझ - बूझ के साथ कार्य करना चाहिए ।