Monday, April 25, 2016

पिताजी को अपनी परीक्षा की तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए पत्र लिखो ।

परीक्षा  भवन
क ख ग विद्यालय
च छ ज नगर 

दिनांक  - 25 अप्रैल  2016

आदरणीय  पिताजी
सादर चरण स्पर्श, के पश्चात विदित हो कि आप का पत्र मिला, पढकर समाचार से अवगत हुआ । आप ने परीक्षा की तैयारी के बारे में पूछा है । मेरी परीक्षा अग्रिम मास की पाॅचवी तारीख से प्रारंभ हो रही है । मै भी अपने  जी  -जान से  परीक्षा  की तैयारी में लग गया  हूँ । सुबह पाँच बजे से सात बजे तक पढाई करने के बाद विद्यालय जाता हूँ । विद्यालय से लौटने के बाद , भोजन  कर के  रूप  पुनः  पढने के लिए  बैठ जाता हूँ ।  इस  बार  मैं  आप  की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करूँगा । प्रयास ही नहीं, बल्कि  कक्षा में  प्रथम स्थान प्राप्त करने का प्रयास  करूँगा । 
दादा  -दादी एवं मम्मी   को मेरी ओर से प्रणाम कहना । छोटे  भाई को  मेरा  ढेर  सारा प्यार  ।

आप  का प्रिय  पुत्र
क्ष त्र ज्ञ

Sunday, April 24, 2016

अपने मित्र की दादी की मृत्यु होने पर उसे शांत्वना देते हुए पत्र लिखो ।

203 , जनकपुरी
आनंद  मंगल  रोड
नई दिल्ली - 111111

दिनांक  - 24 मार्च  2016

प्रिय मित्र
नमस्कार  , आप की  दादी की मृत्यु  का दुखद समाचार  मिला । मुझे तो पहले  विश्वास  ही नहीं  हो रहा था  क्योंकि  मै अभी पिछले  हफ्ते ही  उनसे  मिला था । उस समय  वह एक दम स्वस्थ  थी  । उनका  अचानक  स्वर्ग वास आप  के  परिवार के लिए  अपूरणीय  क्षति है । मेरी ईश्वर  से प्रार्थना है कि  वह उनकी  आत्मा को शांति  प्रदान  करें  तथा परिवार  वालों को सहनशक्ति  दे  ।दुख की इस घडी में हम सब आप लोगों के साथ हैं । मित्र  यद्यपि यह  आप  के  परिवार के लिए यह बहुत  बडी  क्षति  है पर यह  अपने  बस में नहीं है । जो  इस  दुनिया में  आया है  उसे एक दिन  जाना  ही पडेगा ।यही सत्य तथा  शाश्वत है । उनका  मिलनसार स्वभाव  तथा  प्रिय  स्वभाव  उन्हें  श्रदेय बना दिया है ।

तुम्हारा  प्रिय मित्र
क्ष त्र ज्ञ

Saturday, April 23, 2016

अपने मित्र को गर्मी की छुट्टियाँ मनाने के लिए अपने घर आमंत्रित करते हुए पत्र ।

48 ,शिवाजी नगर
आनंद  रोड
नई दिल्ली - 111111

दिनांक  - 22 अप्रैल  2016

प्रिय  सुह्रृद
तुम्हारा  पत्र  मिला । पढकर  समाचार  ज्ञात हुआ । तुम्हारा  ग्रीष्मावकाश आगामी  सप्ताह से प्रारंभ होने  जा रहा है ।  इस बार  मेरे मन में एक उत्तम  विचार  आया है  जिसे जानकर  तुम्हें  खुशी  होगी । वह शुभ विचार  यह है कि  तुम  इस  बार  गर्मी  की छुट्टियाँ  बिताने  मेरे  घर  आओगे ।  यह मेरी  आज्ञा  नहीं, निवेदन है । मुझे  इससे भी अधिक  खुशी  तब होगी जब  तुम मेरे  घर  पधारोगे ।वैसे तो  छुट्टियाँ  कैसे  बितानी हैं  इसकी  रूपरेखा  मैने तैयार  कर ली है, पर मैं  यह सोचता हूँ कि  यदि तुम्हारे  विचार  न जानूँ  तो  तुम्हारे साथ  नाइंसाफी  होगी । इसलिए  तुमसे  यह अनुरोध है कि 'छुट्टियाँ  कैसे  बिताना  है ' इसकी  रूपरेखा  योजना बद्ध ढंग से  लिखकर  मुझे  पत्र  द्वारा  अवगत  कराओगे । मैं  तुम्हारे  पत्र के  इंतजार में  रहूँगा  ।
अपने  माता- पिता  एवं बडे  भाई  को मेरी ओर से  प्रणाम  कहना । पत्रोत्तर  शीघ्र  देना ।

तुम्हारा मित्र
क्ष त्र ज्ञ