Saturday, June 25, 2016

आप के चाचा सेवा निवृत्त होकर गरीब ,असहाय बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करते हैं, उनके इस नेक कार्य के लिए उनकी सराहना करते हुए पत्र लिखो ।

परीक्षा भवन
क ख ग विद्यालय
च छ ज नगर

दिनांक - 26 जून  2016

परम आदरणीय  चाचा जी
सादर  चरण स्पर्श

इसके  पश्चात विदित हो कि कल मै  समाचार पत्र में  आपकी  तस्वीर  देख कर  आश्चर्य चकित रह गया ।पढने के बाद पता चला कि  आप  एक  गैर  सरकारी संस्था के  माध्यम से गरीब और  बेसहारा  बच्चों  को  शिक्षा  प्रदान करने का  नेक कार्य  कर रहे हैं  । एक सेवा निवृत्त  व्यक्ति के लिए  इससे बेहतर और  क्या हो सकता है ।  आप का यह नेक  कार्य  अत्यंत  सराहनीय है  । यह हमारे  परिवार  के लिए  गर्व की बात है  । लोग  सेवा  निवृत्त होकर घूमने फिरने  तीर्थ यात्रा  करने आदि  जैसे  पुण्य  कार्य  करना  चाहते हैं  परंतु  आप ने बेसहारा  गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का जो  नेक कार्य  चुना है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण  एवं  सराहनीय है ।
आप  को यह पत्र  लिखते  हुए मुझे  गर्व  के साथ  खुशी का  अनुभव  हो रहा है ।  इसके  लिए  आप  की जितनी भी प्रशंसा की  जाए  कम है  । चाची जी  एवं  दादा - दादी  को मेरी ओर से  प्रणाम  कहना  ।

आप का  प्रिय  भतीजा 
क्ष त्र  ज्ञ

Friday, June 24, 2016

अपनी छोटी बहन को फैशन मैगजीन छोडकर पाठ्य पुस्तक पढने की सलाह देते हुए पत्र ।

परीक्षा भवन
क ख ग विद्यालय
च छ ज  नगर

दिनांक  - 24 जून  2016

प्रिय  अनुजा
शुभाशीष 
इसके   पश्चात विदित  हो कि घर से पिता जी  का पत्र मिला  । पढकर  समाचार  ज्ञात हुआ  । पिता जी ने पत्र में लिखा था कि  तुम  आज कल फैशन  मैगजीन  पढने पर  अधिक ध्यान  दे रही हो । तुम्हें  यह ज्ञात  होना चाहिए कि फैशन  मैगजीन  पढने  से  कुछ  हासिल  होने वाला नहीं है  । इससे  तुम्हारा कीमती समय नष्ट हो  रहा है  । इसके  बजाय  तुम  अपनी  पाठ्य  पुस्तकें पढने में  मन लगाओ  जो  तुम्हारे लिए  परीक्षा में  उपयोगी साबित होगा । वैसे भी  पिछली बार  परीक्षा में  तुम्हारे  अंक  बहुत  अच्छे  नहीं  थे । यदि  यही  हाल रहा तो पास  होना  भी  मुश्किल हो  जाएगा  । पिता जी  को  तुम्हारे  ऊपर बहुत  गर्व  है  ।

पत्र  लिखकर  उम्मीद  करता हूँ कि  क  तुम  मेरी  बातों  पर ध्यान  दोगी  और  पढाई  में मन लगाओगी । दादा - दादी  और  माँ की  ओर से  ढेर  सारा प्यार  ।

तुम्हारा प्रिय  अग्रज
क्ष  त्र  ज्ञ

Thursday, June 23, 2016

बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताय । (अनुच्छेद )

हमें  कुछ  भी बोलने  या  करने से पहले  विचार  लेना चाहिए । एक  उक्ति है कि - समझदार  व्यक्ति  किसी  बात को  बोलने तथा  किसी  कार्य के  करने के  पहले  सोचता है  जबकि  मूर्ख  बोल  कर या  कार्य  करने के बाद पछताता है । लोग अपनी  वाणी पर नियंत्रण  नहीं रखते जो  कभी  - कभी  दुख  का कारण बन जाती है ,  जिससे  उन्हें  हॅसी का पात्र बनना पडता है । यही नहीं,  उन्हें  इसी कारण से  मानसिक  त्रास  झेलना पडता है । मन दुखी  रहता है । हमारे किए गए  व्यवहार या  बोली गई  वाणी से  सामने वाले  व्यक्ति को  दुख होता है । दूसरे  को  दुख  पहुचाॅना ही पाप कहा  जाता है ।पाप के द्वारा  धर्म  तथा  यश की हानि होती है । अतः  हमें  प्रयास  करके  बिना  विचारे न तो बोलना चाहिए  और न ही कोई ऐसा काम  करना चाहिए  जिससे  दूसरों को  दुख  पहुंचे ।

भारतीय किसान (अनुच्छेद )

भारतीय  किसान  त्याग  और  तपस्या की  की  मूर्ति  होता है  । वह अपने  सुख  का  त्याग कर  गर्मी,  सर्दी, तथा बरषा  की  परवाह किए बिना ही  पूरे  दिन खेतों में काम करता है । वह हमारे लिए  अन्न  पैदा  करता है । किसान का जीवन  सदैव  अभाव  से ग्रसित  रहता है । उसे  पहनने के लिए  पर्याप्त  वस्त्र  नहीं  मिलता है । सबसे  बडी  बिडंबना  तो यह है कि जो  किसान  दूसरे के लिए  अन्न  पैदा  करता है , कभी - कभी  उसे  ही भूखा  रहना  पडता है । वह रूखी  - सूखी खाकर  अपना जीवन यापन  करता है । उसके  घर  भी  घास - फूस के  बने  बदहाल  होते हैं । किसानों की  स्थिति में सुधार लाने की बडी  आवश्यकता है ।भारत  सरकार ने इसके लिए  अनेक कदम उठाए हैं । किसानों की  सादगी का लाभ  नौकरशाह  उठाते हैं । सरकार के  द्वारा  दी गई  सहायता  का आधे से अधिक  हिस्सा  सरकारी  बाबुओं  की जेब में  जाता है । मौजूदा  सरकार ने इसे  गंभीरता से लेते हुए  लोगों के  खाते  जन - धन योजना के तहत  खुलवाए  हैं ।

Friday, June 10, 2016

मेरा प्रिय नेता

हमारे देश में  अनेक  नेता  हैं । मै सब का सम्मान  करता हूँ  । महात्मा गांधी  , जवाहर लाल नेहरू  , लालबहादुर  शास्त्री , इंदिरा गांधी  ,अटल बिहारी वाजपेयी  ,नरेंद्र मोदी  इत्यादि  हमारे  नेता  है । इनमें से नरेंद्र मोदी  मेरे  सबसे प्रिय नेता  हैं।  वह हमारे देश के  वर्तमान  प्रधानमंत्री  हैं । वह भ्रष्टाचार के  घोर विरोधी  हैं ।  उन्होंने  देश के  विकास के लिए  अनेक  साहसिक कदम उठाए  । उन्होंने  आतंकवाद  का खुलकर विरोध किया है ।  उन्होंने  विश्व  को बताया कि  आतंकवाद  की न कोई  जाति है  और  न ही कोई  धर्म  । आतंकवाद से निपटने के लिए  दुनिया के  सभी  देशों को एक साथ  मिलकर काम करना होगा  । वह एक  कर्मठ  नेता  हैं । उन्होंने  दुनिया के सामने  योग की उपयोगिता  तथा  लाभ के  महत्व को  बताया  ।  युनाइटेड नेशन  ने उनकी  पहल पर ही  21 जून  को   विश्व  योग  दिवस  के  रूप में  मनाने की  घोषणा की  । वह देश के विकास के लिए कटिबद्ध  हैं । उन्होंने देश की  सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठाए  ।  उन्होंने  देश की शाख को  विश्व  में बढाया है । वह विकास  पुरुष के  रूप में  जाने  जाते हैं  ।

Thursday, June 9, 2016

ग्लोबल वार्मिंग के बढते खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए ।

परीक्षा  भवन
क ख ग विद्यालय
च छ ज नगर

दिनांक -  7 जून  2016

सेवा में
संपादक
नवभारत टाइम्स
शिवाजी मार्ग
नई दिल्ली  -110003

विषय  - ग्लोबल वार्मिंग के बढते खतरे  पर  ध्यान  आकर्षण  हेतु  ।

महोदय

आप के प्रसिद्ध  समाचार पत्र के माध्यम से  मै पर्यावरण  मंत्रालय  का ध्यान  आकर्षित  कराना चाहता हूँ तमाम  कोशिशों के बावजूद  ग्लोबल वार्मिंग  का खतरा  कम नहीं  हो रहा है । सरकार  विज्ञापनों के जरिये  , वृक्षारोपण  द्वारा  तथा अन्य कई प्रकार से  लोगों का ध्यान  आकर्षित करने  का प्रयास कर रही है  । लगातार  बढते  शहरीकरण  तथा  जनसंख्या  बृद्धि के  कारण  सारे प्रयास  असफल  हो  रहे हैं ।

आप  के प्रसिद्ध  समाचार पत्र के माध्यम से  मैं  भारत  ही नहीं  बल्कि  दुनिया भर के लोगों  को  आगाह कराना चाहता हूँ कि  ग्लोबल वार्मिंग  एक भयंकर  राक्षस  है जो  एक न एक दिन  दुनिया  को निगल  जाएगा  । समय रहते  यदि  चेता नहीं  जाएगा  तो  इसके  भयंकर  परिणाम  होंगे  ।बिना  समय  की बारिश , बर्फबारी  , तापमान में  परिवर्तन  ग्लोबल वार्मिंग के  ही परिणाम हैं  ।

अतः  महोदय  आप  से  आग्रह है कि  आप  अपने  लेख के  माध्यम से  ग्लोबल वार्मिंग के बढते खतरे से  लोगों को आगाह करते हुए  विश्व  संरक्षण में  सहयोग  करने की  कृपा करें  ।

भवदीय
क्ष त्र ज्ञ

अपने छोटे भाई को कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई देते हुए पत्र लिखिए ।

203 , शिवाजी पार्क
सिटी  लाइट
सुरत -395007

दिनांक - 5 जून  2016

प्रिय  अनुज
शुभाशीष  , तुम्हारा पत्र  मिला । पढकर  समाचार  ज्ञात हुआ  ।यह  जानकर  खुशी हुई कि  तुम  परीक्षा में  प्रथम स्थान प्राप्त  किए  हो ।यह  सब  तुम्हारे  परिश्रम  का  फल है ।  इसके  लिए  तुम्हें  बहुत  बहुत बधाईयाँ ।साथ ही  मुझे  तुमसे  यह उम्मीद  है कि  तुम  इसी तरह  आगे भी  सफलता  प्राप्त  करते  रहोगे । तुमने  पूरे परिवार  का सम्मान  बढाया है ।
मम्मी  - पापा  एवं  दादा  - दादी  की ओर से  आशीर्वाद ।

तुम्हारी  अग्रजा
शिवांगी  अग्रवाल

Wednesday, June 8, 2016

वाहन चोरी हो जाने पर थानेदार को शिकायत पत्र ।

परीक्षा  भवन
क ख ग विद्यालय
च छ ज नगर

दिनांक  - 5 जून 2016

सेवा में
थानाध्यक्ष
उमरा पुलिस  स्टेशन
सुरत - 395007

विषय  - वाहन चोरी  हो  जाने पर थानेदार को शिकायत पत्र ।

महोदय
निवेदन  है कि मै शिवाजी  पार्क का  निवसी हूँ  ।मेरी  स्विफ्ट  कार  , जिसका  रजिस्टेशन नं - जी जे 5 -   2436  है,  मेरे  घर के सामने से  किसी  चुरा लिया  । जिसका एफ आई आर  मैने गत 31 मई को  ही लिखा  दिया है  । गाडी का रंग  सफेद है  और  नीले रंग का  पट्टा  बना हुआ है  । यह लगभग एक  बजे  रात  के बाद  का वाकिया है ।  मै  30 मई की रात साढे  बारह बजे अपने  परिवार के साथ  सिनेमा  देखकर  आने के बाद  अपने घर के सामने  गाडी  खडी कर दिया   था  । गाडी  2014  माॅडल  की है ।
                                       अतः  श्रीमान जी  से निवेदन है कि  उचित  कार्यवाही  करते हुए  चोर का  पता लगाने  का कष्ट करें । पत्र  लिखकर  मैं  उम्मीद करता हूं कि  मेरी  गाडी  का  पता  अवश्य  लग जाएगा  ।

भवदीय
क्ष त्र ज्ञ

Tuesday, June 7, 2016

बिन सत्संग विवेक न होई ।

प्रस्तुत  सूक्ति ' बिन सत्संग  विवेक न होई  'का तात्पर्य यह है कि  कितनी ही  शिक्षा  क्यो न प्राप्त कर ली  जाए  पर  बिना  सत्संग के  ज्ञान  नहीं  प्राप्त  किया जा सकता है । सत्संग का  अर्थ है सज्जनों की  संगति तथा  विवेक  का  अर्थ है  :-   सत्य - असत्य   ;  अच्छे - बुरे  के अंतर का ज्ञान  होना ।यह  ज्ञान  मात्र  सज्जनों  की संगति  से ही प्राप्त  किया जा सकता है । व्यक्ति  जिस प्रकार  की संगति करता है , उसी प्रकार का  गुण  सीखता है । एक वृक्ष पर तोते के दो बच्चे  रहते थे,  एक  बच्चा  एक ऋषि के  आश्रम में रहकर  पला  । वह  आश्रम में  आने वाले  हर व्यक्ति  का अभिवादन  किया  करता था  । इसके  विपरीत  दूसरा  बच्चा  चोरों  की  संगति  में  पला  । वह तोता  चोरों को  उस रास्ते से  आने वाले  राही की  सूचना  देता था, जिससे  चोर यात्रियों को  लूट लिया  करते थे  । यह संगति का ही असर  था कि दोनों  तोतों  का स्वभाव  विपरीत  गुणों  वाला  हो गया  ।