भारतीय किसान त्याग और तपस्या की की मूर्ति होता है । वह अपने सुख का त्याग कर गर्मी, सर्दी, तथा बरषा की परवाह किए बिना ही पूरे दिन खेतों में काम करता है । वह हमारे लिए अन्न पैदा करता है । किसान का जीवन सदैव अभाव से ग्रसित रहता है । उसे पहनने के लिए पर्याप्त वस्त्र नहीं मिलता है । सबसे बडी बिडंबना तो यह है कि जो किसान दूसरे के लिए अन्न पैदा करता है , कभी - कभी उसे ही भूखा रहना पडता है । वह रूखी - सूखी खाकर अपना जीवन यापन करता है । उसके घर भी घास - फूस के बने बदहाल होते हैं । किसानों की स्थिति में सुधार लाने की बडी आवश्यकता है ।भारत सरकार ने इसके लिए अनेक कदम उठाए हैं । किसानों की सादगी का लाभ नौकरशाह उठाते हैं । सरकार के द्वारा दी गई सहायता का आधे से अधिक हिस्सा सरकारी बाबुओं की जेब में जाता है । मौजूदा सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए लोगों के खाते जन - धन योजना के तहत खुलवाए हैं ।
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