हे !भ्रमर गीत गा मधुर - मधुर ।
मधुसिक्त कंठ से मधुर गीत,
गतिशील, प्रखर ,शीतल समीर
भारत - माॅ का महिमा -मंडन
भारत -सपूत -उज्ज्वल -भविष्य
हे ! भ्रमर गीत गा मधुर - मधुर ।।
हिमगिरि से रामेश्वर सुदूर
गुजरात से अरुणाचल प्रदेश
भर दे भारत में संगीत मधुर
कन्या कुमारी से कश्मीर
हे! भ्रमर गीत गा मधुर - मधुर ।।
नव वर्ष की स्वर्णिम बेला मे
नव -भारत का हो मृदुल सृजन
जन-जन का जीवन मधुर बने
खुशियों से हो परिपूर्ण वतन ।।
हे ! जगत- नियंता जगदीश्वर
हे ! जगत के जगताधार प्रभो
जग -जीवन सफल बना देना
जन - जन - सुखी संसार प्रभो ।।
भारत जग -अधिनायक हो
जन-जीवन शक्ति-पुंज प्रखर
हे ! मधुप गीत गा मधुर -मधुर
हे ! भ्रमर गीत गा मधुर -मधुर ।।