Friday, December 6, 2013

हिन्दी भाषा (कविता)

भाषा भावों  से भरी हुई रसधार युक्त शीतल जल है ।
हिन्दी  भारत की जननी ,ज्ञान युक्त अमृत फल है ।।

हिन्दी से हिन्दुस्तान बना हिन्दी से हिन्द महासागर ।
हिन्दी महान भाषा जग की भरती है गागर मे सागर ।।

हिन्दी मे बातें करते हम, हिन्दी मे गाते गीत सदा ।
हिन्दी मे सब काम करे ,हिन्दी की अपनी अलग अदा ।।

हिन्दी भारत माँ की बिन्दी, हिन्दी मुकुट हिमालय का ।
हिन्दी ज्ञान की गंगा बन बहती निर्मल धारा सी ।।

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