Thursday, November 13, 2014

लाक्षागृह का निर्माण Lakshagrih ka nirman

दुर्योधन शकुनि की चाल बडी
दोनों ने मिलकर युक्ति गढी   ।
जो गुड देने से मर जाए
उसको क्यों जहर दिया जाए।।

विरोचन को आज्ञा दें दी
लाक्षागृह का निर्माण करो ।
पांडव का काल निकट आया
अंत्येष्टि का इंतजाम करो  ।।

पांडव को बहला कर के
लाक्षागृह रहने भेज दिया ।
कपटी दुर्योधन इस प्रकार
नया खेल था खेल दिया ।।

षड्यंत्र सफल होता कैसे
विदुर- निति के आगे
पांडव लाक्षागृह जला दिये
स्वयं सुरंग से भागे   ।।

                                                  राजेंद्र प्रसाद  मिश्र

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