Thursday, November 27, 2014

Tum kavita ham (mai) sangit priye -तुम कविता हम संगीत प्रिये ।

तुम कविता हम संगीत प्रिये ।
तुम वसंत हम गीत प्रिये  ।।

हम वंशी तुम समीर प्रिये,
तुम प्राण हम शरीर प्रिये ।
तुम राग - द्वेष से परे, हम
माया के बंधन में जकडे ।

तुम वसंत हम शीत प्रिये,
तुम कविता हम संगीत प्रिये ।।

तुम सुंदर सुमन सुगंधित,
हम पतझड से युक्त प्रिये,
तुम कविता की अविरल धारा
हम लय -ताल -वद्ध संगीत प्रिये,

तुम कविता हम संगीत प्रिये ।
तुम वसंत हम गीत प्रिये ।।

                                      राजेंद्र मिश्रा

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