एक तंदुरूस्ती ईश्वर की हजार नियामत के बराबर होती है । अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन के सारे सुखों का आधार है ।स्वास्थ्य को ही सबसे बडा धन माना गया है । बीमार धनी होने की अपेक्षा स्वस्थ गरीब होना अधिक अच्छा है । स्वस्थ जीवन के लिए संसंतुलित आहार लेना अनिवार्य है ।संतुलित आहार अर्थात ऐसा भोजन जिसमें जीवन के लिए उपयोगी हर प्रकार के पोषक तत्व मौजूद हैं। इसके लिए घर का बना हुआ, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए ।कुछ लोग स्वाद को महत्व देते हैं और बाहर के बने हुए मसाले व जायकेदार भोजन पसंद करते हैं ।स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिष्क निवास करता है ।स्वस्थ मस्तिष्क में साकारात्मक सोच पैदा होती है । स्वस्थ रहकर ही मनुष्य ईश्वर प्रदत्त उपहारों का लाभ उठा सकता है । अतः हमें स्वास्थ्य रूपी धन की हर कीमत पर रक्षा करनी चाहिए ।स्वस्थ शरीर, उत्तम विचार के द्वारा मनुष्य महान बन जाता है । उसके मन मष्तिष्क में प्रसन्नता व उमंग छायी रहती है ।
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