बच्चो का खेल मे,
जवानो का मेल मे,
बूढो का भक्ति मे,
पहलवानो का शक्ति मे
मन लगता है।
विद्यार्थियो का स्कूलमे
तितलियो का फूल मे
कोयल का गान मे
किसान का धान मे
मन लगता है।
खिलाडियो का जीत मे
रसिक का संगीत मे
मनचलो का मीत मे
मन लगता है ।
राजेन्द्र प्रसाद मिश्र
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