Thursday, June 23, 2016

बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताय । (अनुच्छेद )

हमें  कुछ  भी बोलने  या  करने से पहले  विचार  लेना चाहिए । एक  उक्ति है कि - समझदार  व्यक्ति  किसी  बात को  बोलने तथा  किसी  कार्य के  करने के  पहले  सोचता है  जबकि  मूर्ख  बोल  कर या  कार्य  करने के बाद पछताता है । लोग अपनी  वाणी पर नियंत्रण  नहीं रखते जो  कभी  - कभी  दुख  का कारण बन जाती है ,  जिससे  उन्हें  हॅसी का पात्र बनना पडता है । यही नहीं,  उन्हें  इसी कारण से  मानसिक  त्रास  झेलना पडता है । मन दुखी  रहता है । हमारे किए गए  व्यवहार या  बोली गई  वाणी से  सामने वाले  व्यक्ति को  दुख होता है । दूसरे  को  दुख  पहुचाॅना ही पाप कहा  जाता है ।पाप के द्वारा  धर्म  तथा  यश की हानि होती है । अतः  हमें  प्रयास  करके  बिना  विचारे न तो बोलना चाहिए  और न ही कोई ऐसा काम  करना चाहिए  जिससे  दूसरों को  दुख  पहुंचे ।

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