किसी के थल्लम -थल्लम पेट
किसी का सूखा तन कंकाल |
किसी के मुरझाये हैं होठ
किसी के चिकने -चुपड़े गाल||
किसी को दाने के लाले ,
किसी का लालो का जयमाल
किसी के लम्बे -चौड़े हाथ
किसी के बधे हाथ निसहाय ||
कोई गाता है इंग्लिश सॉन्ग
कोई करता है हाय-हाय ,
जगत के कई अनोखे रूप
आप की अपनी क्या है राय ||
किसी के हाथी जैसे पेट
किसी की भूखे कटती रात
कोई सहता तपती धूप
किसी पर नोटों की बरसात ||
गरीबी है आशा विश्वास
अमीरी अहंकार की लाश
जगत के दो पहलू है खास
परन्तु दोनों में विरोधाभास ||
किसी का शोषण करके लोग
बढ़ाते अपनी खुद की आय
आप की अपनी क्या है राय ||
राजेंद्र रामनाथ मिश्र
No comments:
Post a Comment