Sunday, January 30, 2011

बालिका के अरमान

माँ मै भी पढने जाऊँगी ||
पुस्तक ला दो ,कलम मँगा दो,
चाक तथा स्लेट दिला दो,
अच्छे से विद्यालय में,
 मेरा नामांकन करवा दो 
अपना छोटा बस्ता लेकर 
हँसते -गाते आउँगी |
माँ मै भी पढने जाऊँगी ||

पढ़-लिखकर मैं बड़ी बनूँगी ,
भारत माँ की शान बनूँगी,
हिमगिरी का मैं भाल बनूँगी,
भारत ही क्या सारी दुनियां को ,
मैं   ज्ञान   सिखाउंगी |
माँ मै भी पढने जाऊँगी ||

नेता सुभाष की टोपी लेकर,
गांधीजी की शोटी लेकर ,
नेहरु जी का लम्बा कुरता
मेरे  बदन  पर होगा पुरता ,
नेताओं का नेता बन,
दुनियां को राह दिखाउंगी |
माँ मै भी पढने जाऊँगी ||
                                          राजेंद्र रामनाथ मिश्र

No comments:

Post a Comment